MP News: एमपी के उज्जैन शहर में भूखंड नामांतरण के लिए रिश्वत लेते पकड़ाए पटवारी रमेशचंद्र बामनिया को विशेष न्यायालय ने चार वर्ष की कैद तथा पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को 2500 रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था।
लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि ग्राम मंगरोला के लाखनसिंह पंवार ने 22 जनवरी 2019 को शिकायत की थी कि पिता पूरन सिंह पवार के नाम से दो बिस्वा का प्लाट ग्राम मंगरोला में है। रजिस्ट्री पिता के नाम पर है। इसका नामांतरण राजस्व रिकॉर्ड में पिता के नाम से करने वह ग्राम मंगरोला के पटवारी रमेश चंद्र बामनिया से मिला तो नामांतरण करने के लिए 10 हजार रुपए की मांग की। प्रकरण में डीएसपी शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने रुपए मांग की सत्यता जानने के लिए गोपनीय रूप से वाइस रिकॉर्डर में दर्ज किया।
2500 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप
इसके बाद 23 जनवरी 2019 को पटवारी रमेशचंद बामनिया को लाखन सिंह पंवार से 2500 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया। पटवारी के हाथ धुलाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया। प्रकरण की अग्रिम विवेचना निरीक्षक दिनेश रावत व निरीक्षक राजेंद्र वर्मा ने करते हुए निरीक्षक दीपक सेजवार ने विशेष न्यायालय में चालानी कार्रवाई की।
विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन द्वारा आरोपी पटवारी रमेश चंद बामनिया को दोष सिद्ध कर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया। विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डीपीओ द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया।