भारत का अमेरिका को जवाब-अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत तेल खरीदा:दुनिया को $200 प्रति बैरेल कीमत तेल से बचाया; युद्ध फंड करने का आरोप लगाया था 

भारत का अमेरिका को जवाब-अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत तेल खरीदा:दुनिया को $200 प्रति बैरेल कीमत तेल से बचाया; युद्ध फंड करने का आरोप लगाया था 

​भारत ने तेल खरीदने पर रूस-यूक्रेन युद्ध को फंडिंग मिलने के आरोपों का जवाब दिया है। पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए तेल खरीदा है, जिससे ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमतें स्थिर रहीं। हरदीप सिंह ने द हिन्दू अखबार के लिए लिखे कॉलम में कहा भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा। हमने G7 के तय मूल्य सीमा (प्राइस कैप) का पालन किया। इन नियमों को रूस की कमाई सीमित रखने और तेल की आपूर्ति बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने बाजार को स्थिर रखा और दुनिया को 200 डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत से बचाया है। इससे पहले अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लगाया था। ट्रम्प के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो भी भारत पर रूस को जंग के लिए पैसा उपलब्ध कराने का आरोप लगा चुके हैं। भारत पर जंग को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था इससे पहले 27 अगस्त को ट्रम्प के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन जंग को मोदी वॉर बताया था। नवारो ने ब्लूमबर्ग टीवी के इंटरव्यू में भारत पर जंग को बढ़ावा देने और दोहरा खेल खेलने का आरोप लगाया। नवारो ने कहा कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और ऊंची कीमत पर बेचता है। इससे रूस को जंग के लिए पैसा मिलता है और वो यूक्रेन पर हमला करता है। नवारो ने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस और चीन के साथ भारत के बढ़ते संबंध दुनिया के लिए खतरा बन सकते हैं। भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है। पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है। सस्ते रूसी तेल से भारतीय तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ा वित्त वर्ष 2020 में भारत अपनी जरूरत का केवल 1.7% तेल रूस से आयात करता था। ये हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 35.1% हो गई है। रूस से सस्ता तेल खरीदने का फायदा ऑयल कंपनियों के मुनाफे पर भी दिखा है। कंपनियों की फाइलिंग के मुताबिक… 2022-23 में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का कुल मुनाफा ₹3,400 करोड़ था। 2023-24 में इन तीनों सरकारी कंपनियों का मुनाफा 25 गुना बढ़ गया। तीनों ने मिलकर 86,000 करोड़ रुपए कमाए। 2024-2025 में इन कंपनियों का मुनाफा कम होकर 33,602 करोड़ रुपए हो गया, लेकिन ये 2022-23 के मुनाफे से ज्यादा है। ये खबर भी पढ़ें
रूस बोला- हमारे कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं:भारत को 5% डिस्काउंट में दे रहे; अमेरिका के 50% टैरिफ को गलत बताया रूस का कहना है कि उसके कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि ये बहुत सस्ता है। आज यानी, 20 अगस्त को सीनियर रूसी डिप्लोमेट रोमन बाबुश्किन ने ये बात कही। उन्होंने कहा- रूसी कच्चे तेल पर भारत को करीब 5% की छूट मिल रही है। पूरी खबर पढ़ें  

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *